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अविनाश का दिल फ़िर धड़केगा, ईलाज करा लौटे हैं अपने घर


👉 तीन  महीने बाद लौटेगी अविनाश के चेहरे पर मुस्कान 
👉 आरबीएसके के सजगता से लौटेगी जिंदगी

👉 प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के अहमदाबाद स्थित अस्पताल में हुआ ईलाज 

👉 दो अप्रैल को  अविनाश को दिल में छेद के ईलाज के लिए वायुयान से भेजा गया था अहमदाबाद
 

मधुबनी/ 9, अप्रैल: जिले के 5 वर्षीय अविनाश का दिल फ़िर एक सामान्य बच्चे की तरह धड़केगा. दिल में छेद होने से अविनाश को 2 अप्रैल को बिहार सरकार की सहायता से बेहतर ईलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया था. शुरूआती ईलाज पूरा कर अब अविनाश अपने घर लौट आए हैं. दिल में छेद के ऑपरेशन के लिए अविनाश को अब 3 महीने बाद पुनः अहमदाबाद भेजा जाएगा. गुरूवार को अविनाश सहित अन्य 15 बच्चे वायुयान से अहमदाबाद से पटना पहुंचे थे, जहाँ स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सभी का स्वागत भी किया गया.   

बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी थे साथ:
आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ कमलेश शर्मा ने बताया ईलाज के लिए भेजे गए अविनाश के साथ उनके एक अभिभावक को भी भेजा गया था अविनाश की शुरूआती  ईलाज प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से अहमदाबाद स्थित अस्पताल में संपन्न हुआ है. अविनाश के दिल का ऑपरेशन होना है. इसलिए उसे पुनः 3 महीने बाद अहमदाबाद के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि सात निश्चय योजना-2 के तहत  ‘बाल हृदय योजना’ के अंतर्गत अविनाश को यह सुविधा उपलब्ध हुयी है. प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन के सहयोग से अविनाश का निःशुल्क ईलाज हुआ है। जबकि बिहार सरकार ने अविनाश के घर से लेकर अहमदाबाद तक जाने का पूरा खर्च वहन किया है.

बाल ह्रदय योजना के तहत मिली सुविधा:
एसीएमओ डॉ. एस एस झा ने बताया बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है. सुशासन के कार्यक्रम के अंतर्गत सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नई योजना बाल हृदय योजना पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है. योजना 1 अप्रैल,2021 से लागू है। इसी योजना के तहत बच्चों को निःशुल्क ईलाज मिला है. प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.

नहीं हुआ कोई खर्च :
बच्चे के पिता उमेश कामत ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे अविनाश का दरभंगा में इलाज के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में कराया था, जहां उन्हें बच्चे के दिल में छेद के बारे में जानकारी मिली. ऑपरेशन के बारे में पता करने पर  2 लाख खर्च बताया गया. उसके बाद मधुबनी जिले के एक निजी डॉक्टर से दिखाया जहां 3 लाख का खर्च बताया गया जो उनके जैसे दैनिक मजदूरी करने वाले के लिए संभव नहीं था। उन्होंने कहा- ‘‘मैं धन्यवाद देता हूं आरबीएसके के टीम को जिन्होंने हमारे बच्चों को इलाज तथा ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद  भेजा’’। बच्चे के पिता उमेश ने बताया मैं  वह मजदूरी कर 350 रुपए कमाता हैं. वह भी प्रतिदिन काम नहीं मिलता है। उनकी  आर्थिक स्थिति उतनी सबल नहीं थी कि वह अपने बच्चे का ऑपरेशन प्राइवेट नर्सिंग होम में करवा सकें उनके  4 बच्चे हैं. तीन पुत्री तथा एकमात्र पुत्र है। बच्चे के पिता कामत ने बताया अहमदाबाद में 3 महीने का दवा दी गई है और 3 महीने के बाद बच्चे का सफल ऑपरेशन के लिए जाना है. उन्होंने बताया उन्हें जाने -आने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. रहने खाने की समुचित व्यवस्था की गई थी. साथ ही सभी तरह का इलाज भी पूरा निःशुल्क किया गया.

अगले चरण में 3 और बच्चे का किया जाएगा ऑपरेशन:

आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ कमलेश शर्मा ने बताया टीम के द्वारा स्क्रीनिंग के दौरान बच्चे के दिल में छेद के बारे में जानकारी हुई. 2 अप्रैल को बिहार से 21 बच्चों का जत्था जो दिल में छेद से ग्रसित थे का सफल ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया जिसमें जिले से यह अविनाश प्रथम बच्चा है. जिसका होना है आगे भी तीन बच्चे को चिन्हित कर रखा गया है जिसे अगले चरण में ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा. साथ ही जिले के कई लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं कि हमारे  उनके बच्चे के दिल में छेद है. उनका भी ऑपरेशन करवाना है।


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