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सामुदायिक प्रयास से रूका पलायन

विकास मेश्राम 

वागधारा 

vikasmeshram04@gmail.com

मध्य प्रदेश के गांव – देवाझार , तहसील – बाजना , जिला - रतलाम का वागधारा संस्था द्वारा गठित 'कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन' समुदाय के विकास हेतु बुनियादी सुविधा और पलायन पर काम कर रहा है। संगठन द्वारा मनरेगा एवं अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों के काम-रोजगार दिलवाने के लिए कोशिश की जा रही है। संगठन का मानना है कि बेहतर आजीविका रोजगार और अच्छी जीवन शैली की तलाश में पलायन होता ही रहता है। सामान्य तौर पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर लोगों को जाने के प्रवास की संज्ञा दी जाती है। एक सीमा तक पलायन स्वैच्छिक होता है , जबकि अधिकतम पलायन किसी-न-किसी रूप में थोपा गया होता है।भले किसी परिस्थिति, व्यक्ति या सरकार द्वारा की गई हो, विभिन्न कारणों से संयुक्त परिवारों में बिखराव ,कृषि जोतों के छोटे हो जाने से होता है। खेती के लाभ का अभाव, जनसँख्या में अनियंत्रित बढ़ोतरी ग्रामीण एवं वन्य क्षेत्र प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि आदि ऐसे तमाम कारण हैं, जिनकी वजह से पलायन होता है। 

सामुदायिक प्रयास से रुका पलायन

मध्यप्रदेश का रतलाम जिला भी इस पलायन की दंश से अछूता नहीं है। ऐसी विकराल भयावह परिस्थिति में 'कृषि आदिवासी स्वराज संगठन' अपने बाजना क्षेत्र में पलायन रोकने लिए और लोगों को विविध सरकारी योजना से लाभान्वित करने हेतु सतत प्रयासरत हैं।समुदाय के विकास में परम्परागत एवं देशज अभ्यासों एवं ज्ञान को जैसे हलमा, नोत्र , हिरमा, जैविक खेती इत्यादि को सम्मिलित करना एवं प्राथमिकता प्रदान करना। सरकारी तंत्र के साथ मिलकर परिवारों को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में अवगत करवाना। इसी उद्देश्य से वागधारा संस्था द्वारा 'कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन' गठन हुआ है ।

सामुदायिक प्रयास से रुका पलायन

'कृषि एव आदिवासी स्वराज संगठन' के अध्यक्ष शंकर मईडा अपने संगठन की भूमिका के बारे में बताते हैं कि यह संगठन जनजातीय लोगों की समस्याओं के प्रति जागरूक रहकर समस्या का समाधान खोजने हेतु सतत प्रयत्नशील है । मनरेगा के तहत रोजगार दिलाने के लिए और पलायन पर रोकने के लिए 'कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन' महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है हाल ही 1 मई मजदूर दिन के उपलक्ष्य में 'कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन ने अपने एरिया के गावो में संगठन' के माध्यम से पलायन रुक गया इसकी विस्तृत कार्य प्रक्रिया विशद करते हुए बताते है की .

सामुदायिक प्रयास से रुका पलायन

1 मई 2023 को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस को मनाने के लिए ग्राम पंचायत पर सब की उपस्थिति के पश्चात् सभी को वाग्धारा संस्था का परिचय दिया गया और आए हुए सभी जन का स्वागत किया गया और फिर आज क्या हम सब क्यों यह एकत्र हुए यहां बताया गया की अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का दिन है हर साल 1 मई का दिन भारत समेत दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस या मई दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर के मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों को समर्पित है। देश के विकास में ऐसा कोई निर्माण नहीं है, जिसमें मजदूर वर्ग के परिश्रम का योगदान ना हो। राष्ट्र की प्रगति और उन्नति में उनकी भागीदारी के बिना असंभव है।

और अंतर्राज्यीय प्रवासी मजदूर हेतु क्या योजना है और किस प्रकार आप इसका लाभ ले सकते है पर चर्चा हुई साथ ही मनरेगा(रोजगार गारंटी) पर चर्चा की गई की आप कैसे आपने ही गावं में अपना खेत अपना काम में कार्य कर सकते है. तभी एक पधारे हुए जनमानस में कैसे आवेदन करें और कैसे लाभ प्राप्त करने को लेकर सवाल पूछा गया – उत्तर के रूप में – सामाजिक और व्यक्तिगत दोनों ही प्रकार से एक प्लान बनाकर ग्राम सभा के दौरान जमा कर सकते है और आगरा सिर्फ आपको कार्य चाहिए तो आप प्रपत्र 6 को भर कर कार्य की मांग कर सकते है .

इसी चर्चा के दोरान प्रकाश रकमा मेडा जी ने पंचायत सचिव को अपने मोबाइल से फ़ोन किया और उन्हें बुलवाया गया. सचिव जी साहब आये सभा में और उसी समय बात को समझा गावं वालो की समस्या सुनी फिर सचिव जी ने रोजगार की मांग के बारे में ज्ञात हुआ की अब ग्राम पंचायत कुण्डल के गावं देवाझार के मजदूरों को रोजगार की आवश्यकता है और रोजगार या कार्य देना जरूरी है फिर सचिव ने गावं में छोटे तालाब और मेड्बंधन की स्वीकृति. 2 मई से ग्राम देवाझार में छोटे तालाब और मेड बंधान का कार्य सचिव महोदय द्वारा से कार्य दिया गया.

जिसमे ग्राम देवाझार में निवास करने वाले 86 परिवार के 167 लोगो को रोजगार गांव में ही मिला और अपने गाँव के लोग पलायन पर न जाकर गावं में ही रुके रहे जिससे वे अपनी खेती और बच्चों के साथ परिवार का ध्यान रख पाएंगे 'कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन' के उपाध्यक्ष कमलेश डामोर ने 40 लोगों को राशन कार्ड बनवाएं और जो गरीब और वंचित थे। उनको पंचायत समिति और तहसील ले जाकर सरकारी योजना से लाभान्वित किया। 100 लोगों को मनरेगा के तहत मेड़बंदी करवाई ताकि मिट्टी का कटाव रोका जा सके. संगठन' के सचिव अंजनाबाई डामोर ने 109 आयुष्मान कार्ड निशुल्क बनाके दिये और ल्म्पी वायरस के दरम्यान संगठन' के पशु एवं चिकित्सा विभाग से पैरवी करके 40 गांव के 2500 पशुओं का टीकाकरण कराया और मानपुर ग्राम में 50000 रुपये का समशान घाट बनवाया यह सब संगठन के माध्यम से हुआ है।

(आलेख में दी गई जानकारी व सामग्री के लिए लेखक उत्तरदायी हैं। )

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