ज्वलंत मुद्दे

6/recent/ticker-posts

श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सम्राट अशोक की जयंती: पटना बना वैश्विक एकता का केंद्र

भारत ज्ञान का मुख्य केंद्र रहा है। और उसके केंद्र में सम्राट अशोक और उनके पुत्र और पुत्री संघमित्रा ने इसी पाटलिपुत्र की धरती से मेरे देश श्रीलंका में आकर धम्म प्रचार किया। हम ऋणी है इस पाटलिपुत्र की माटी की। उक्त बातें राजधानी के एसके मेमोरियल हॉल में सम्राट अशोक के जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के जेनरल सेक्रेटरी शिवली महाथेरो ने कहीं। इस मौके पर एनआईटी पटना के फैकल्टी डॉ नम्रता सिंह ने कहा कि सम्राट अशोक मानवीय मूल्यों को अपने जीवन और शासन व्यवस्था में प्रमुखता से रखी। 

श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सम्राट अशोक की जयंती: पटना बना वैश्विक एकता का केंद्र

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अभिषेक रंजन ने कहा कि सम्राट अशोक ने अपनी शासन व्यवस्था को इतना पारदर्शी रखा था कि एक आम व्यक्ति भी उन तक अपने संवाद को पलभर में पहुंचा सकता था। जापान से आए जूनसेई तेरासावा ने कहा कि सभी जीवों के बीच मंगल मैत्री का भाव होना चाहिए। नेपाल के पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर डॉ केशव मान शाक्य ने कहा कि सम्राट अशोक ने स्तूप और विहार बनाकर बुद्ध के जान कुंज से अवलोकित कर दिया। 

श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सम्राट अशोक की जयंती: पटना बना वैश्विक एकता का केंद्र

समारोह को महाबोधि बिहार, काठमांडू के महासचिव संघरतन शाक्य,  गुरुद्वारा सिंग सभा के मुख्य ग्रंथि जयपाल सिंह, सम्राट अशोक क्लब के प्रदेश अध्यक्ष भीष्म कुमार, छत्तीसगढ़ के जीवन दीप आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिद्धनाथ मौर्य ने की। समारोह से पहले राजधानी में राष्ट्रीय प्रतीकों के साथ झांकी निकाली गई। जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। धन्यवाद ज्ञापन सम्राट अशोक क्लब के महासचिव शाक्य महातम सिंह ने किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ