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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने 'बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव' पर किया वाद-विवाद का आयोजन

मुज़। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व  परिवार कल्याण के तत्वावधान में विश्व जनसंख्या  दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ के सभागार में बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव पर एक दिवसीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  जिसकी अध्यक्षता कावा संघ की सुशीला ने किया। मुख्य अतिथि उप महानिरीक्षक रामकुमार ने प्रतियोगिता में उपस्थित छात्र-छात्रों को प्रतिस्पर्धा के महत्व को बताते हुए  कहा कि फर्स्ट होने के लिए सेकेण्ड  का होना आवश्यक है।  उसी प्रकार सेकेंड होने के लिए थर्ड को होना जरुरी है। थर्ड के लिए फोर्थ का होना जरुरी है तभी पहचान फर्स्ट , सेकेंड  और थर्ड को मिलती है।  जीवन में प्रतियोगिता के लिए अभी से पूरी तत्परता के साथ अपने वांछित लक्ष्य के लिए खुद को तैयार रखना आवश्यक है।  

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने 'बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव' पर किया वाद-विवाद का आयोजन

वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय प्रवेश सहायक कमांडेन्ट ध्रुव कुमार चौधरी ने कराते हुए बारी -बारी से आरपीएस स्कूल, किड्जी स्कूल , डीएवी स्कूल, दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल , केंद्रीय विद्यालय, ग्रुप केंद्र केरिपुबल आदि स्कूल के   छात्र-छात्रों को पक्ष व  विपक्ष में बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव पर सम्प्रेषण के लिए आमंत्रित किया।  पांच मिनट सभी प्रतिभागियों के लिए निर्धारित था।  विषय की समझ, भाषा शैली, बॉडी लैंग्वेज आदि के लिए कुल अंक ५० निर्धारित किए  गए थे।  जिसके आकलन के लिए निर्णायक मंडल के तीन सदस्य भी मौजूद थे। 

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने 'बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव' पर किया वाद-विवाद का आयोजन

इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सृष्टि पराशर, ग्रुप केंद्र केरिपुबल मुज़, द्वितीय पुरस्कार श्रेया श्री, किड्जी स्कूल तथा तृतीय पुरस्कार अदिति कुमारी, आरपीएस स्कूल ने प्राप्त किया।  स्कूलों के बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रथम पुरस्कार किड्जी स्कूल तथा द्वितीय पुरस्कार दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल को दिया गया। 

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने 'बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव' पर किया वाद-विवाद का आयोजन

इस मौके पर ग्रुप केंद्र केरिपुबल मुज़ वी  एसी  जून (कमांडेंट ),  गजेंद्र कुमार झा (उप कमांडेंट ), अमृत कुमार सिंह (सहायक कमांडेंट ), वी वी  रत्नम (सहायक कमांडेंट ) एवं केरिपुबल मुज़ के सभी सदस्यों के साथ-साथ स्कूल के  शिक्षकगण मौजूद थे।  

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