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संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स 2022 के विजेताओं की घोषणा

श्रेणी के विजेताओं की घोषणा 10 अक्टूबर, 2022 को की जाएगी

नई दिल्ली : मीडिया के रचनात्मक उपयोग के माध्यम से वंचित ग्रामीण समुदायों के सामाजिक और आर्थिक समावेश की दिशा में काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क ने शनिवार 01 अक्टूबर को संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स 2022 के श्रेणी के विजेताओं की घोषणा की. इस वर्ष सभी पांच पुरस्कार विजेता महिला लेखक हैं. इनमें शेफाली मार्टिन (राजस्थान)सीटू तिवारी (बिहार)अर्चना किशोर (नई दिल्ली)रूबी सरकार (मध्य प्रदेश) और रेहाना कौसर (जम्मू और कश्मीर) हैं. जिन्हें भारत के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और किशोरियों से संबंधित चुनौतियों और कम रिपोर्ट किए गए मुद्दों को मुख्य रूप से उजागर करने के लिए चुना गया है.

संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स 2022 के विजेताओं की घोषणा


जूरी पैनल :
इन विजेताओं का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल जिसने स्वाति सिंह (मुहिम की संस्थापक और फेमिनिज्म इन इंडिया की हिंदी संपादक)मनाबी कटोच (मुख्य संपादक- हिंदी और क्षेत्रीयद बेटर इंडिया) और डॉ अफसाना राशिद (सहायक प्रोफेसरएमईआरसीकश्मीर विश्वविद्यालय) द्वारा किया गया है. देश के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त तीस से अधिक आवेदनों में से इन पांच लेखकों का चयन किया गया है. स्वतंत्र लेखिका शेफालीसीटू और रूबी क्रमशः ग्रामीण भारत में महिला उद्यमिताबालिकाओं की तस्करी और लिंग आधारित हिंसा के मुद्दों पर लिखेंगीजबकि चरखा के ग्रामीण लेखकों के नेटवर्क का हिस्सा रहीं अर्चना किशोर और रेहाना कौसर क्रमशः महिला उद्यमिता और ग्रामीण क्षेत्रों में युवा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ लिंग आधारित हिंसा पर लिखेंगी.


अगले तीन महीनों के दौरानपुरस्कार विजेताओं से अपने संबंधित विषयों पर पांच अच्छी तरह से शोध किए गए लेख प्रस्तुत करने की उम्मीद है. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को उनके शोध का समर्थन करने के लिए प्रमाणन और 50,000/- रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जायेगा. इन पच्चीस लेखों के प्रकाशन का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों में हाशिए पर रहने वाली किशोरियों और महिलाओं द्वारा अनुभव की गई संघर्ष और सफलता की कहानियों को सामने लाना है. इसके लिए लक्षित मीडिया अभियान के माध्यम से चरखा सार्वजनिक नीति को प्रभावित करने और लोगों की सामाजिक चेतना को जगाने के लिए एक चर्चा बनाने का भी प्रयास करेगा.


इस संबंध में चरखा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चेतना वर्मा ने कहा कि "हाल के वर्षों मेंमहिलाओं के जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को मुख्यधारा के मीडिया में कुछ जगह मिली हैलेकिन यह अभी भी शहरी परिदृश्य और इन क्षेत्रों के लेखकों तक ही सीमित है. इस पुरस्कार के माध्यम से चरखा का उद्देश्य मुख्यधारा और वैकल्पिक मीडिया में भौगोलिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के आधार पर महिलाओं की आवाज और उनकी कहानियों को उजागर करना है."

यह पुरस्कार चरखा के संस्थापक संजॉय घोष से प्रेरित हैंजिन्होंने मीडिया के रचनात्मक उपयोग के माध्यम से हाशिए के ग्रामीण समुदायों के सामाजिक और आर्थिक समावेशन की दिशा में काम किया है. दो दशक पहले शुरू किए गए ये पुरस्कारविकास संवादकों की उस श्रेणी का समर्थन करता है जो अंततः सतत विकास और स्थायी परिवर्तन के सबसे प्रभावशाली स्वरूप को तैयार करते हैं. पुरस्कार विजेता विचारों को साझा करने के लिए एक साथ आते हैं और मीडिया की एक नई शैली बनाने की दिशा में बदलाव लाते हैं जो दूरदर्शीजिम्मेदार और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका के प्रति संवेदनशील है. 

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