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मुंह सी के अब जी ना पाऊँगी

मुंह सी के अब जी ना पाऊँगीगीता देवी

रोहतास, बिहार

मुंह सी के अब जी ना पाऊँगी।
जरा सबसे ये कह दो।।
मईया कहे बिटिया बाहर न जाना।
मगर मैं हर दीवार गिराऊँगी।।
भैया कहे बहना चौखट ना लांघो।
मगर यह जंजीर पहन न पाऊंगी।।
पिता कहे बेटी मन के ना करना।
मगर मैं आवाज़ तो उठाऊँगी।।
शास्त्र कहे पिता-पति है स्वामी।
मगर अब ना, यह गुलामी सह पाऊँगी।।
सारी परंपरा को जड़ से मिटाऊँगी।
जरा सबसे ये कह दो।।
ये ना समझो हम सदा के हारे हैं।
बुझे हुए राख के नीचे अभी भी अंगारे हैं।।
जरा सबसे ये कह दो।।
(चरखा फीचर)



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