दीपिका कुमारी बामणिया
जैसलमेर, राजस्थान
डट कर चल, मुश्किलों का सामना कर,
दुनिया में कुछ कर, संघर्षों का सामना कर,
आगे बढ़ और अपनी दुनिया बना,
हार मत, थक मत रुकना नहीं है तुझे,
दुनिया में कुछ कर, संघर्षों का सामना कर,
आगे बढ़ और अपनी दुनिया बना,
हार मत, थक मत रुकना नहीं है तुझे,
आगे बढ़, बस तू आगे बढ़,
अपनी कहानी तू खुद लिख और आगे बढ़,
जो संघर्ष करता है, वही आगे बढ़ता है,
जिंदगी का दूसरा नाम तो संघर्ष है,
तो बस संघर्ष कर आगे बढ़,
अपनी कहानी तू खुद लिख और आगे बढ़,
जो संघर्ष करता है, वही आगे बढ़ता है,
जिंदगी का दूसरा नाम तो संघर्ष है,
तो बस संघर्ष कर आगे बढ़,
इस दुनिया में अपना स्थान बना,
हार मत, रुक मत, डट कर आगे बढ़,
दुनिया में कुछ कर, बस आगे बढ़,
बस डटकर चल इस दुनिया में,
आगे ही आगे बढ़, और शिखर को छू ले,
हार मत, रुक मत, थक मत, बस आगे बढ़,
हार मत, रुक मत, डट कर आगे बढ़,
दुनिया में कुछ कर, बस आगे बढ़,
बस डटकर चल इस दुनिया में,
आगे ही आगे बढ़, और शिखर को छू ले,
हार मत, रुक मत, थक मत, बस आगे बढ़,
यदि अपने लक्ष्य को पाना है तो अकेले चल,
मुश्किलों से लड़ और अपना रास्ता खुद तय कर,
संघर्ष कर कोशिशें बेहिसाब कर तो हल निकलेगा,
आज नहीं तो कल अवश्य जरूर निकलेगा,
तो हार मत, रुक मत, थक मत डटकर चल,
तो हार मत, रुक मत, थक मत डटकर चल,
आगे बढ़, जीत तेरी है, बस तू आगे बढ़.
(चरखा फीचर)
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