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1000 से अधिक गांवों में शिक्षा का अलख जगाने को प्रशिक्षित हुईं 8 जिलों की 140 महिलाएं

  • 16 मई से शुरू हो रहा है 'शिक्षा चौपाल- 3' अभियान 
  • नवज्योति निकेतन में दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू   

'शिक्षाग्रह' एक जनअभियान है, जिसे मंत्रा4चेंज सरकारी विभागों, समुदाय एवं जनसंगठनों के साथ साझा प्रयासों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं किशोरियों को स्कूल से जोड़ने के अभियान को गति देने में लगा है। 

पटना. सोमवार को कुर्जी मोड़ स्थित नवज्योति निकेतन के सभा-कक्ष में मंत्रा4चेंज के बैनर तले व 'शिक्षाग्रह' के अंतर्गत दो-दिवसीय फैसिलिटेटर प्रशिक्षण कार्यशाला प्रारम्भ हुई. प्रथम सत्र की शुरुआत प्रार्थना एवं अभियान गीत 'अब गहना न जेवर शृंगार के, सब बेटी जे पढ़ गेल बिहार के' के साथ की गयी. उसके बाद 'शिक्षा चौपाल- 3' के आयोजन से संबंधित प्रारूप आदि के बारे में पीपीटी के जरिये विस्तृत चर्चा हुई. फिर पांच समूहों में बांटकर महिला प्रशिक्षुओं को शिक्षा चौपाल के आयोजन का अभ्यास कराया गया. 

1000 से अधिक गांवों में शिक्षा का अलख जगाने को प्रशिक्षित हुईं 8 जिलों की 140 महिलाएं

वहीं दूसरे सत्र में 'मित्रा' ऐप की मदद से फील्ड की एक्टिविटी का ऑडियो रिकॉर्ड करने के तरीके सिखाए गए. बतौर प्रशिक्षक अनुभूति श्रीवास्तव, उर्मिला कुमारी, शालिनी ने पहले सत्र एवं प्रथमेश, निवेदिता ने दूसरे सत्र का संचालन किया. इस ट्रेनिंग में पटना समेत सूबे के आठ जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पश्चिम चंपारण, गया, कैमूर एवं रोहतास की करीब 140 महिला प्रशिक्षणार्थियों ने हिस्सा लिया. ये सभी महिला कार्यकर्ता बिहार महिला समाख्या सोसाइटी द्वारा गठित विभिन्न महिला फेडरेशन से जुड़ी हैं. बता दें कि 'शिक्षाग्रह' एक जनअभियान है, जिसे मंत्रा4चेंज सरकारी विभागों, समुदाय एवं जनसंगठनों के साथ साझा प्रयासों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं किशोरियों को स्कूल से जोड़ने के अभियान को गति देने में लगा है। 

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जानकारी हो कि मंत्रा4चेंज के मार्गदर्शन में ज्योति महिला समाख्या मुजफ्फरपुर, सृष्टि महिला समाख्या शिवहर, दीपमाला संस्था कैमूर, समृद्धि संस्था रोहतास, हमारी दृष्टि गया, स्वधा महिला समाख्या बेतिया, प्रगति एक प्रयास सीतामढ़ी, सहयोगी पटना आदि महिला संगठन मिलकर 16 मई से 31 मई तक 'शिक्षा चौपाल' का आयोजन करेंगे. इस चौपाल के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के सामने शिक्षा ग्रहण करने के रास्ते में आने वाली चुनौतियों एवं उसका स्थानीय एवं सरकार के स्तर पर समाधान खोजने की एक पहल है. 

बीते साल अक्टूबर से अब तक दो बार शिक्षा चौपाल  अभियान चलाया जा चुका है. प्रथम शिक्षा चौपाल के दौरान 7 जिलों के 172 गांवों के 68 हजार लोगों ने अपनी बेटियों को कम-से-कम 12वीं तक पढ़ाने एवं बाल विवाह नहीं करने का संकल्प लिया था. वहीं, दूसरे चौपाल के दौरान इन 7 जिलों के 750 से अधिक गांवों तक पहुंच कर महिलाओं ने शिक्षा की पहुंच से दूर होने वाली बेटियों की समस्याओं एवं उसका हल ढूंढने के लिए गांव-गांव में घूमी. इस बार एक हजार से अधिक गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य है. मंगलवार को प्रमाण-पत्र वितरण के बाद प्रशिक्षण का समापन होगा. 

1000 से अधिक गांवों में शिक्षा का अलख जगाने को प्रशिक्षित हुईं 8 जिलों की 140 महिलाएं

अनुभूति श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार में किशोरियों के ड्रॉपआउट की स्थिति को देखते हुए संस्था ने हर तीन-चार महीने पर 'शिक्षा चौपाल' का आयोजन करने का निर्णय लिया है, ताकि समुदाय को शिक्षा पाने की दिशा में आने वाली अपनी समस्याओं की पहचान करने एवं उसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयास करने की क्षमता का वर्धन हो. उन्होंने कहा कि हमलोग शिक्षा को जन-जन तक आग्रह के साथ पहुंचाना चाहते हैं, इसलिए इस मुहिम का नाम 'शिक्षाग्रह' रखा है। इस मौके पर मंत्रा4चेंज के बिहार हेड नीरज दास गुरु, निशांत, जयदेव, एकता आदि मौजूद थे.

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