पेट की आग
हरीश कुमार
पुंछ, जम्मू-कश्मीर
भूखी सोती है विश्व की कई करोड़ आबादी,
कुछ रातों को भूखा सोते, कुछ करते बर्बादी,
कोई जीभ का स्वाद लगाए, कोई पेट की आग बुझाए,
कोई एक वक्त भी खा ले, उसका दिन बन जाता है,
कुछ को तो पकवान मिले, कुछ को मिले ना सादी,
सोचो तनिक तुम भी उनका, जो भूखे पेट सोते हैं,
पेट में लगी आग के खातिर, रात भर न सोते हैं,
कोई प्लेट आधी छोड़ दे, किसी को रोटी मिले ना आधी,
स्वयं का पेट पालने में, सबको कितना मान है,
जो पेट दूसरों का पाले, वही तो इंसान है,
खाना बर्बादी का मुख्य केंद्र पार्टियां, डिनर और शादी,
भूखी सोती है विश्व की कई करोड़ आबादी,
कुपोषण वह है जो, कम खाने से होता है,
उसको कुपोषण क्या मालूम, जो पेट भर के सोता है,
विडंबना भरा संसार अजीब, भूख से मरते पल-पल जीव,
सबको मिलकर लड़ना चाहिए, ताकि कुपोषण से मिले आजादी,
भूखी सोती है विश्व की, कई करोड़ आबादी,
कुछ रातों को भूखा सोते, कुछ करते बर्बादी।।
चरखा फीचर्स
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दुनिया की नज़र
सरोज आर्य
चौरा, कपकोट
बागेश्वर, उत्तराखंड
दुनिया की नज़रों में ऊपर उठ जाऊँ,
बस इतना सा मैं कुछ कर जाऊँ,
अपने सपनों को साकार कर जाऊँ,
बस इतना सा कुछ कर जाऊँ,
आपने घर से दूर रहकर भी,
सफलता की सीढ़ियां चढ़ती जाऊं,
बस इतना सा कुछ कर जाऊँ,
अपने माता पिता का सहारा बन जाऊँ,
बस इतना सा कुछ कर जाऊँ,
क्यों दुनिया की नज़र में ऊंचा उठना है मुझे,
मैं आज तक समझ ना पाऊँ,
चरखा फीचर्स
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आज की नारी हूं मैं
भगवती रावल
गरुड़, बागेश्वर
उत्तराखंड
आज की लड़की, आज की नारी हूँ मैं,
आगे बढ़ूँगी ये भी आज कहती हूँ मैं,
जब जब आगे बढ़ना चाहा,
ना जाने कौन कौन मुझे रोकने आया,
मुझे आगे बढ़ने नहीं दिया जाता,
बीच राह में पत्थर खड़ा किया जाता,
न जाने क्या क्या इल्जाम लगाया जाता,
बीच राह में ही मुझको रोका जाता,
पर मैं कहाँ हूँ रुकने वाली?
आगे बढ़कर मैंने भी उन्हें दिखाया है,
अब न कहो कि लड़कियां कमजोर हैं,
वह लड़कों से भी ज्यादा चट्टान हैं,
फिर न कहना लड़कियां कमजोर हैं।।
चरखा फीचर्स
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लड़कियों के सम्मान में
पूजा आर्य
चौरसों, गरुड़
बागेश्वर, उत्तराखंड
लड़कियाँ होती घर की शान है,
बिना इनके न होता कोई काम है,
लड़कियां करती आज सब काम हैं,
ना रहती किसी से पीछे अब वो,
आगे बढ़ने का जज्बा उसके अंदर है,
आगे बढ़ कर उसे मंज़िल को पाना है,
ये उसने आज सबको बताया है,
नहीं डरना है अब उसे किसी से भी,
ये उसने आज मिलकर ठाना है,
अपनी मंज़िल को कैसे पाना है,
ये उसे अब करके दिखाना है॥
चरखा फीचर्स
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