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वोटर लिस्ट से नाम कटने पर चुनाव आयोग के अधिकारियों पर सैकड़ों मुक़दमे दायर हो: एडवोकेट अरुण कुशवाहा

जागृत के बैनर तले मतदाता गहन पुनरीक्षण पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित

'जागृत' बौद्धिक वैचारिक हस्तक्षेप का स्वतंत्र मंच के तत्वावधान में "मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण अभियान 2025: चुनावी ईमानदारी और न्याय संगत प्रतिनिधित्व के रास्ते में बाधक" विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कैप्टन निषाद सभागार कच्ची पक्की, मुजफ्फरपुर में आयोजित किया गया। इस सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में संविधान विशेषज्ञ एडवोकेट पटना हाई कोर्ट श्री अरुण कुशवाहा ने कहा कि मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक को वोट के अधिकार से वंचित करना है। 

वोटर लिस्ट से नाम कटने पर चुनाव आयोग के अधिकारियों पर सैकड़ों मुक़दमे दायर हो: एडवोकेट अरुण कुशवाहा

सूचना इकट्ठा करने की जटिल प्रक्रिया से इतने कम समय में मतदाता पुनरीक्षण का कार्य संभव नहीं है। इसमें सत्ता पक्ष की साजिश की बू आती है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि उन्हें मताधिकार से वंचित किया जाता है तो उन्हें बीएलओ, राज्य चुनाव आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त समेत तमाम पदाधिकारियों पर मुकदमे दर्ज करने चाहिए। आगामी बिहार चुनाव का विरोध भी करना चाहिए। न्यायपालिका का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक लाख बीस हजार वकीलों में से आधे से अधिक वकीलों का नाम वोटर लिस्ट से गायब है। ऐसा होने से आगे आरक्षण पर भी खतरा है। आरक्षित कोटि के जनमानस को 90% हिस्सेदारी के लिए एक कठोर कानून बनाने हेतु क्रांति लाने की जरूरत है।

अध्यक्षीय भाषण करते हुए पूर्व प्राचार्य डॉ हरि नारायण ठाकुर ने कहा कि गरीब, अकलियत, मजदूर जनता को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की साजिश चल रही है ताकि सरकार की सत्ता कायम रहे। इसके खिलाफ जन आंदोलन छेड़ने की जरूरत है। अन्य वक्ताओं में मंच के संरक्षक डॉ विजय कुमार जायसवाल, संयोजक डॉ संजय कुमार सुमन, प्राचार्य डॉ अलका जायसवाल, प्राचार्य डॉ प्रमोद कुमार आदि ने सेमिनार को संबोधित किया। इस अवसर पर स्वागत भाषण संयोजक डॉ संजय कुमार सुमन, मंच संचालन डॉ संतोष सारंग, विषय प्रवेश डॉ सुशांत कुमार, और धन्यवाद ज्ञापन डॉ कौशल किशोर चौधरी ने किया।

मौके पर डॉ हरिशंकर भारती, डॉ विनोद बैठा, प्रो अनिता कुमारी, प्रो सुनीता कुमारी, डॉ अविनाश कुमार, मुन्ना कुमार, डॉ विष्णु देव यादव, डॉ रवि रंजन, डॉ शिवेंद्र मौर्य, डॉ पवन कुमार यादव, ललन भगत, कुढ़नी के सामाजिक कार्यकर्ता शंकर कुशवाहा, राजीव यादव, रंगकर्मी सुनील फेकानिया, मीडिया प्रभारी डॉ ललित किशोर, डॉ एमएन रजवी, प्रो शशि पासवान, डॉ रामदुलार सहनी, डॉ रवि रंजन, पंकज कुमार, सुजीत कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में शिक्षक, प्रोफेसर एवं छात्र मौजूद थे।

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